व्यापार खबर डेस्क खबर 24×7 नई दिल्ली// ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी दर बढ़ाकर 28 फीसदी करने के फैसले को इस इंडस्ट्री के लिए घातक माना जा रहा है। कंपनियों ने इस फैसले का विरोध किया है। इसे असंवैधानिक और तर्कहीन बताते हुए सरकार ने इस पर पुनर्विचार की मांग की।
गेमिंग कंपनियों का तर्क है कि सरकार ने गेमिंग और गैंबलिंग का फर्क समाप्त कर दिया है। ऐसे में ऑनलाइन गेम खेलने वाले गैंबलिंग और कैसिनो की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं। इससे यूजर्स का जोखिम बढ़ेगा। इंडस्ट्री को तो घाटा होगा ही, सरकार को भी राजस्व का नुकसान होगा और लाखों नौकरियां खत्म होंगी। जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक में मंगलवार को लिए गए इस फैसले के दूसरे दिन बुधवार को गेमिंग कंपनियों के शेयरों में काफी उतार देखा गया।
खत्म हो जाएगा गेमिंग उद्योग..
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि यह निर्णय 60 वर्षों से अधिक के स्थापित कानूनी न्याय की अनदेखी करता है और सट्टा गतिविधियों के साथ ऑनलाइन स्किल गेमिंग को जोड़ देता है। यह निर्णय भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी।
इंजीनियर होंगे बेकार…
फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआइएफएस) के महानिदेशक जॉय भट्टाचार्य ने कहा कि 28% जीएसटी लागू करने से इंडस्ट्री को भारी क्षति होगी।
लाखों कुशल इंजीनियरों के लिए रोजगार का नुकसान होगा। वहीं इंडियाप्लेज के सीओओ आदित्य शाह ने कहा कि ज्यादा टैक्स कंपनियों के कैश फ्लो को प्रभावित करेगा। इससे इनोवेशन, रिसर्च और विस्तार में निवेश की क्षमता सीमित हो जाएगी। कौशल आधारित गेम और कैसिनो या सट्टेबाजी ऐप में बारीक फर्क है। एक जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।
‘इकोसिस्टम’ के लिए झटका…
गेम्सक्राफ्ट के संस्थापकों के मुख्य रणनीति सलाहकार अमृत किरण सिंह के अनुसार किसी को यह याद रखना चाहिए कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने दो लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए बड़ा झटका है।
रेवेन्यू घटेगा, देनदारी बढ़ेगी…
पिछले पांच साल में भारत की गेमिंग इंडस्ट्री में घरेलू और विदेशी निवेशकों ने 2.8 अरब डॉलर का निवेश किया, लेकिन सरकार के इस कदम से निवेशक ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप्स में निवेश करने से कतराएंगे। इससे कंपनियों का रेवेन्यू घटेगा और टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी।
मलय कुमार, सचिव, ई-गेमिंग फेडरेशन
‘फैसले के समय था नैतिक प्रश्न’
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग पर अधिकतम टैक्स लगाने का उद्देश्य इस इंडस्ट्री को समाप्त करना नहीं है। फैसले के वक्त सिर्फ यह ’नैतिक प्रश्न’ ही 7 था कि इसे आवश्यक वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसीलिए बैठक में हॉर्स रेसिंग व कैसिनो के साथ ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने की घोषणा की गई है।