राष्ट्रीय खबर डेस्क खबर 24×7 नई दिल्ली // विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नये मसौदा दिशानिर्देशों में सुझाव दिया गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्तियां इन श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार नहीं आने की स्थिति में अनारक्षित घोषित की जा सकती हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नये मसौदा दिशानिर्देशों में यह जानकारी दी गई है। उच्च शिक्षा संस्थानों में भारत सरकार की आरक्षण नीति के कार्यान्वयन के लिए दिशा- निर्देश’ हितधारकों की आपत्ति और सुझाव के खातिर सार्वजनिक किए गए हैं।
रिक्त पदों पर अन्य पिछड़ा भर्ती के लिए यूजीसी नए मसौदा में दिए सुझाव
ग्रुप ए के लिए ही आरक्षण रद्द का प्रस्ताव
मसौदे के अनुसार, चूंकि समूह ए सेवा में कोई रिक्ति सार्वजनिक हित में खाली नहीं छोड़ी जा सकती, ऐसे में इस तरह के दुर्लम और असाधारण मामलों में संबंधित विश्वविद्यालय रिक्ति के आरक्षण को रद्द करने का प्रस्ताव तैयार कर सकता है। अपने प्रस्ताव में उसे बताना होगा कि पद भरने के लिए कितनी बार प्रयास किए गए, रिक्ति को क्यों खाली नहीं रखा जा सकता और आरक्षण रद्द करने का औचित्य क्या है।
यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर भड़के छात्र संघ
इन दिशानिर्देशों पर कई जगहों से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार का पुतला जलाने का ऐलान किया है। दिशानिर्देशों की आलोचना पर कुमार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।