कहीं भी जाते समय स्मार्टफोन पर लोकेशन ऑन कर उसे फॉलो करना बंद कीजिए। इसका सीधा असर आपकी मेमोरी पर भी पड़ सकता है।
जी हाँ.. जब हम किसी नई जगह पर जा रहे हैं तो हमें अपने कॉमन सेंस का इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए। उस जगह का हम जितना अधिक अपने हिसाब से अंदाजा लगाएंगे, मेमोरी के लिए यह उतना ही अच्छा होगा। आप जीपीएस को ऑन कर उसे म्यूट कर सकते हैं, ताकि आप अपने कॉमन सेंस का इस्तेमाल करने के बाद उसे जरूरत पड़ने पर ठीक तरह से क्रॉस चेक भी कर सकें।इससे हमारी कॉग्निटिव योग्यता बढ़ती है, जिसे लोकेटिंग इन्फॉर्मेशन के नाम से जाना जाता है। इससे मेमोरी बढ़ती है।.

जीपीएस के इस्तेमाल से बचें
यदि हम किसी स्थान पर दूसरी बार जा रहे हैं तो हमें जीपीएस के इस्तेमाल से बचना चाहिए। जीपीएस पर हम जितनी अधिक निर्भरता बढ़ाते जाएंगे, रोड मैप्स को याद रखने की हमारी क्षमता उतनी ही घटती जाएगी। मेमोरी एक मांसपेशी की तरह काम करती है। आप इसका जितना अधिक इस्तेमाल करेंगे, यह उतनी ही ताकतवर होती जाएगी। इसका उदाहरण मनुष्य की पूंछ का गायब हो जाना है।
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