छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 गंडई पंडरिया // छुईखदान ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्षों से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। बावजूद शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार जमीनी स्तर पर कोई प्रयास नहीं कर रही है। इस स्कूल में विषयवार शिक्षक मौजूद ही नहीं हैं।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से न सिर्फ विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि अच्छे परीक्षा परिणाम भी प्रभावित होते हैं। स्कूल में विषय विशेषज्ञ के न होने के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए प्राइवेट कोचिंग का सहारा लेना पड़ रहा है।
नगर के शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय गंडई में 11 शिक्षकों का सेटअप स्वीकृत है लेकिन 4 शिक्षक ही कार्यरत हैं जिसमें से संस्कृत, भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, और वाणिज्य विषय के टीचर ही उपलब्ध हैं, जबकि 7 रिक्त पदों में सामान्य हिंदी, अंग्रेजी, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र और वाणिज्य के विषय विशेषज्ञों की कमी बरकरार है। इस स्कूल में 600 छात्राओं की दर्ज संख्या है। शाला प्रबंधन विकास समिति से 3 अतिथि शिक्षकों जिसमें गणित ,जीव विज्ञान और अर्थशास्त्र विषय के टीचर नहीं होने के कारण जनभागीदारी विकास समिति से काम चलाया जा रहा है।
मिडिल स्कूल में भी शिक्षकों की कमी
शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के अंतर्गत संचालित शासकीय मिडिल स्कूल पंडरिया में 6 पद स्वीकृत हैं जिसमें से एक प्रधान पाठक अशोक चंदेल कार्यरत हैं। दूसरे हीरामन साहू, तीसरे शिवनारायण धनकर ही पदस्थ हैं। यहां भी 3 पद रिक्त है। इनकी भी पूर्ति नहीं हो पाई है। शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता की उम्मीद कैसे की जा सकती है। सरकार द्वारा शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। बावजूद हायर सेकेंडरी विद्यालय एवं मिडिल स्कूलों में भी कमी आज भी बरकरार है।
शिक्षकों की कमी के संबंध में शिक्षा मंत्री और जिला शिक्षा अधिकारी केसीजी को कई मर्तबा आवेदन देकर सौजन्य मुलाकात कर चुके हैं। आज तक समस्या यथावत बनी हुई है जिससे छात्राओं को पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है। शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
शैलेंद्र दामोदर जायसवाल अध्यक्ष शाला विकास समिति