छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 अम्बागढ़ चौकी। क्षेत्र में लंबे समय से अवैध रूप से लाल ईट का निर्माण कर बेचने का धंधा बड़े ही आराम से फल फूल रहा है मध्य प्रदेश से आये भट्टा संचालको के द्वारा नदी से पानी का उपयोग के साथ हरे भरे पेड़ो को काटकर पेड़ की लकड़ी से भट्टे को सुलगा कर लाखो लाल.. ईट का निर्माण कर पर्यावरण को भारी क्षति पहुचाने का कार्य किया जाता रहा है। वही सेम्हरबान्धा गांव से लगे नदी तट पर ईट निर्माण के लिए नदी से लगे जमीन को खोदकर नदी के रुख को बदलने का प्रयास किया जा रहा है वही इस तरह के कार्यो पर कोई ठोस कार्यवाही न हो पाना प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।
जीवनदायिनी पे मंडरा रहा खतरा..
अगर ऐसा ही चलता रहा और जल्द ही इस तरह के कार्य पर लगाम नही लगाया गया तो वह दिन दूर नही जब नगर के बाहर से गुजरने वाली जीवनदायिनी शिवनाथ नदी शहर के अंदर से गुजरती हुई कई सारे गांव और शहर को अपने आगोश में ले लेगी।

नदी के किनारे का करते है चयन..
अवैध लाल ईट के निर्माण के लिए दीगर राज्य से आये लोगो के द्वारा नदी से लगे हुए जमीन का ही चयन किया जाता है जिससे इन्हें बड़े ही आसानी से पानी, मिट्टी, रेत बड़े ही आसानी से मिल जाता है और खेत व जंगल से पेड़ो को काटकर लकड़िया।

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