छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // जिला में पहली बार सुदखोरी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही पुलिस ने किया है। खैरागढ़ पुलिस में भोले भाले लोगो को कर्ज देकर मोटी रकम ब्याज बसूलने वाला सूदखोर शिरिष मिश्रा को किया गया वही गिरफ्तार एक अन्य आरोपिया सीता मिश्रा गिरफ्तारी शेष है।
मामले में धारा 386, 506, 34 ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 का धारा 4 के तहत अपराध क्रमांक 112/2024 कायम किया गया।
पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल ने पत्रकारों को बताया क़ी प्रार्थी अभिषेक अग्रवाल पिता राजेन्द्र अग्रवाल उम्र 27 साल निवासी बख्शी मार्ग वार्ड नं. 08 तुरकारीपारा खैरागढ़ द्वारा वर्ष 2019 में सीता मिश्रा एवं उनके पुत्र शिरिष मिश्रा से व्यक्तिगत परेशानी के कारण पैसे की आवश्यकता होने पर 132000/- (एक लाख बत्तीस हजार ) व्याज में लिया था जिसे हर माह 11,000/- रूपये व्याज के तौर पर जमा करता था। जो लगभग लिये गये रकम से चार गुना लौटा चुका है फिर भी रकम ना देने पर हाथ पैर तोड देने एवं जान से मारने की धमकी देता था और एक लाख बाईस हजार बकाया है देने क़ी बात कहता था। तथा मोबाईल फोन से कॉल व वाट्सअप के माध्यम से अश्लील गाली गलौज करता जिससे मैं परेशान होकर थाना खैरागढ़ में शिकायत आवेदन किया।
तब शिरिष मिश्रा एवं उसकी माँ शिकायत वापस लो कहकर दबाव बनाकर परेशान कर रहे है। ऐसे में कोई भी अनहोनी घटना घटित कर सकते है। व्याज का रकम हर माह 10 प्रतिशत लिया जा रहा है कि रिपोर्ट आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 112/2024 धारा 386,506,34 भादवि0 छ०ग० ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 का धारा 4 कायम कर विवेचना में लिया गया।
आरोपी के पता साजी हेतु रवाना होकर आरोपी शिरिष मिश्रा के घर दाऊचौरा अम्बे लॉज के पास दबिश देकर हिरासत में लिया गया पुछताछ करने पर अपना जुर्म स्वीकार करने पर विधिवत गिरफ्तार न्यायालय पेश की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ट अधिकारी को अवगत कराया बाद पुलिस अधीक्षक जिला केसीजी त्रिलोक बंसल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेहा पाण्डेय के निर्देशन में तथा श्रीमान पुलिस अनुविभागीय अधिकारी लालचंद मोहले के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी खैरागढ़ उप पुलिस अधीक्षक सुश्री प्रतिभा लहरे के नेतृत्व में त्वरित कार्यवाही करते हुए पेट्रोलिंग पार्टी तत्काल रवाना हुए।
उक्त संपूर्ण कार्यवाही में थाना खैरागढ़ स्टाप उपनिरिक्षक बिल्कीस बेगम, सउनि कोमल मिंज, लक्ष्मण साहू, मणि शंकर वर्मा, अनिल कुमार ध्रुव, प्रदीप यादव एवं थाना स्टाप की अहम भूमिका रही है।
For the first time, action was taken against usury, a moneylender who collected huge amount of interest by giving loan was arrested, used to charge 10% interest without license