छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर। भानुप्रतापपुर उपचुनाव का बिगुल बजते ही भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषण आकर दी है । भाजपा ने पूर्व विधायक ब्रम्हानंद नेताम को उम्मीदवार बनाया है तो वही कांग्रेस ने दिवंगत मनोज कुमार मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को मैदान में उतरा है । ( Bhanupratappur by election )
कांग्रेस ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे उतारा मैदान में
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय से जारी नोटिस के अनुसार छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर और राजस्थान के सरदार शहर में उपचुनाव होना है। मुकुल वासनिक द्वारा जारी रिलीज में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के भानुप्रताप सुरक्षित सीट से श्रीमती
प्रत्याशी होंगी
बता दे कि कांकेर के भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्यासी के नाम का एलान कर दिया है। सावित्री मंडावी के नाम पर कांग्रेस ने अंतिम मोहर लगाई है। इससे पहले दिवंगत मनोज कुमार मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव कार्यक्रम जारी होते ही मंडावी के इस्तीफे से साफ हो गया था कि कांग्रेस उन्हें भानुप्रतापपुर सीट से उम्मीदवार बनाएगी। इसकी आधिकारिक घोषणा कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक के बाद आज किया गया।
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भाजपा ने आदिवासी समाज में इनकी अच्छी पकड़ वाले नेता पर किया भरोसा
भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवार ब्रम्हानंद नेताम होंगे। कांग्रेस को पछाड़ते हुए भाजपा ने मंगलवार को अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। ब्रम्हानंद नेताम भाजपा की टिकट पर दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले ब्रम्हानंद नेताम भानुप्रतापपुर से साल 2008 में मनोज मंडावी को हरा कर विधायक रह चुके हैं। ब्रम्हानंद का नाम क्षेत्र में जाना-पहचाना है। खासकर आदिवासी समाज में इनकी अच्छी पकड़ है। बता दें कि भाजपा से 17 लोगों ने दावेदारी की थी। जिनमें करीब 5 नामों की सूची भाजपा केंद्रीय समिति दिल्ली भेजी गई थी। अंत में तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर पार्टी संगठन ने ब्रम्हानंद नेताम के नाम पर मुहर लगा दी।.
1962 में अस्तित्व में आया भानुप्रतापुर विधानसभा! अब तक का चुनावी इतिहास
अविभाजित मध्य प्रदेश में 1962 में पहली बार भानुप्रतापपुर का विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया। पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई कांग्रेस के पाटला ठाकुर से जीते। 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते। 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते। 1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह जीते। 1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई जीते। 1990 के चुनाव में निर्दलीय झाड़ूराम ने पोटाई को हरा दिया। 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां से जीत गए। 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते। अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे। 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा फिर जीत गए। 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने। 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की। 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की।
मनोज मंडावी के निधन होने के कारण हो रहा उपचुनाव
भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। उनकी मौत 16 अक्टूबर को हुई। निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी किया। 17 नवम्बर तक मतदान की अंतिम तिथि है। नया विधायक चुनने के लिए पांच दिसम्बर को मतदान होगा। आठ दिसम्बर को मतगणना के बाद परिणाम की घोषणा की जाएगी।
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पांचवा विधानसभा उप चुनाव भानुप्रतापपुर में
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद ये पांचवा विधानसभा उप चुनाव होगा। यानी कांग्रेस सरकार में हर साल उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही और खैरागढ़ शामिल है। इन सभी सीटों में हुए विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। अब भानुप्रतापपुर सीट जीतना कांग्रेस के लिए इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अगले साल 2023 में विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। इसलिए यह चुनाव आगामी चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए दोनों ही दल एड़ीचोटी की ताकत लगाएंगे।
भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव का शेड्यूल
1. | नामांकन | 10 नवम्बर से 17 नवम्बर |
2. | नामांकन की जांच | 18 नवम्बर |
3. | नाम वापसी का मौका | 21 नवम्बर तक |
4. | मतदान | 5 दिसम्बर |
5. | मतगणना | 8 दिसम्बर |
6. | चुनाव खत्म | 10 दिसम्बर |