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Fri. Oct 4th, 2024

बुजुर्ग पिता का अपनी संपत्ति पर सर्वाधिकार सुरक्षित..बेटे को जाना होगा बाहर

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छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 बिलासपुर // छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि वृद्ध पिता की सेवा करना पुत्रों के लिए अनिवार्य है। साथ ही सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत पिता चाहे तो अपनी संपत्ति पर सर्वाधिकार सुरक्षित रख सकता है। हाईकोर्ट ने मकान पर पिता का कब्जा बताते हुए पुत्र एक सप्ताह के भीतर मकान खाली करने और हर महीने 5 हजार रुपए मेंटेनेंस देने का आदेश दिया है। Bilaspur Chhattisgarh High Court

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दरअसल रायपुर निवासी सेवालाल बघेल ने ट्रिब्यूनल और कलेक्टर कोर्ट में आवेदन लगाया था। इसके मुताबिक उनका बेटा नीरज बघेल 2009 से रायपुर के उनके मकान में साथ रहता था। 2017 में उनके बेटे ने पिता को ही घर से बाहर कर दिया। फिलहाल पिता सेवालाल अपने बड़े बेटे के साथ रहते हैं। पिता ने कहा कि उनका बेटा सरकारी स्कूल में प्रभारी प्राचार्य है और उसे हर महीने 50 हजार रुपए सैलरी मिलती है। इसलिए वह अपने पिता को साथ रख सकता है। पिता के निवेदन के बाद भी बेटा नीरज बघेल उन्हें बार-बार प्रताड़ित करता है। सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के मुताबिक यह गलत है। ट्रिब्यूनल और कलेक्टर कोर्ट ने पिता के पक्ष में फैसला देते हुए एक सप्ताह में मकान खाली करने कहा था। Elderly father’s right on his property secured..son will have to go out

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बुजुर्ग को अपने घर में रहने का अधिकार 

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याचिका में बेटे ने कहा कि मां ने भी फैमिली कोर्ट में अपने पति के खिलाफ भरण पोषण के लिए याचिका दायर की है जो कि लंबित है। दोनों पक्षों को सुनवाई के बाद जस्टिस धीरज कुमार तिवारी ने अपने फैसले में कहा कि सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के मुताबिक बुजुर्ग अपनी संपत्ति पर दावा करते हुए सर्वाधिकार सुरक्षित रख सकता है भले ही वह सक्षम ही क्यों ना हो। हाईकोर्ट ने पुत्र की याचिका को अस्वीकार करते हुए पिता के पक्ष में फैसला देते हुए पुत्र को एक सप्ताह में मकान खाली करने का आदेश दिया है। Bilaspur Chhattisgarh High Courtchhattisgarh-hc-highcourt khabar24x7

 बेटे ने कहा …भरण पोषण के लिए स्वयं सक्षम पिता..

इसके खिलाफ बेटे नीरज बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया कि पिता सरकारी नौकरी से रिटायर हुए हैं और उन्हें बेहतर पेंशन मिलती है। इसके साथ ही रायपुर स्थित एक अन्य मकान का किराया भी प्रति महीने 10% हजार रुपए पिता को मिलता है। इसके साथ ही कुछ दिन पहले पिता ने एक जमीन साढ़े 6 लाख रुपए में बेची है। इसलिए पिता अपनी देखभाल और भरण पोषण के लिए स्वयं सक्षम है।

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