क्राइम खबर डेस्क खबर 24×7 // उदयपुर और राजसमंद में 12 साल की मासूम से 7 आरोपी 5 दिन तक गैंगरेप करते रहे। बच्ची उदयपुर में 10 जनवरी को लावारिस हालात में मिली। पुलिस ने जब पूछताछ की तो हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ। इधर, पुलिस ने मंगलवार देर शाम 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। आरोपियों में एक रोडवेज बस का कंडक्टर और ऑटो ड्राइवर भी है।
5 जनवरी को नाबालिग के पिता ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी
राजसमंद एएसपी शिव लाल बैरवा ने बताया कि पीड़िता के पिता ने केलवाड़ा थाने में 5 जनवरी को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को उसकी 12 साल की बेटी घर से निकली थी। इसके बाद वो शाम तक घर नहीं लौटी तो वह थाने पहुंचे। इधर, पुलिस ने तलाश शुरू की तो 10 जनवरी को बच्ची उदयपुर में लावारिस हालात में मिली। जब बयान लिए तो बच्ची ने बताया कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है।
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पीड़िता ने बताया, 5 दिन तक करते रहे गैंगरेप
पीड़िता ने बताया कि 4 जनवरी को वह अपने एक परिचित से मिलने के लिए उदयपुर पहुंची थी। यहां एक ऑटो ड्राइवर उसे बहला-फुसलाकर धर्मशाला ले गया, जहां उसके साथ रेप किया। 2 दिन तक अलग-अलग व्यक्ति उसके साथ रेप करते रहे। जब वह धर्मशाला से बाहर निकली तो कुछ आरोपी उसे लेकर मावली चले गए, वहां भी उसके साथ रेप किया।
बच्ची के बयान के बाद पुलिस ने 7 में से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, एक आरोपी मालाराम को किडनैपिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। गैंगरेप के सभी आरोपी उदयपुर के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने इन आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है।
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शाम को दरिंदगी करते सुबह बस स्टैंड पर छोड़ देते
डीएसपी बेनी प्रसाद ने बताया कि इस वारदात में आरोपियों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। दरिंदे बच्ची को मावली और उदयपुर के बीच लेकर घूमते रहे। 4 दिन तक नाबालिग को उदयपुर और एक दिन मावली में रखा। शाम को उसे उदयपुर बस स्टैंड से लेकर जाते और अगले दिन सुबह उसे दोबारा उदियापोल बस स्टैंड पर छोड़ देते थे।
हालांकि, बच्ची अभी अपने परिजनों के साथ घर पर ही है। इधर, इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। बच्ची इस दौरान उदयपुर के रोडवेज बस स्टैंड पर बेसुध हालात में घूमती रही। यहां पुलिस चौकी भी है इसके बाद भी किसी की नजर नहीं पड़ी।
डिप्टी बेनी प्रसाद मीणाा ने बताया- मासूम ने बताया- दुर्ग पर नारियल बेचने वाले मालाराम से चने बेचने वाले राजू के बारे में पूछा था। मालाराम ने कहा- राजू तो उदयपुर रहता है। इसके बाद मालाराम मासूम को केलवाडा बस स्टेंड ले गया। बस में बैठा दिया। बस उदियापोल रोडवेज स्टेंड पर पर पहुंची तो अंधेरा हो गया था। एक ऑटो चालक ने मासूम को राजू के पास पहुंचाने के नाम पर बैठा लिया। फिर धर्मशाला में लेकर गया। वहां दो लोगों ने रेप किया। फिर मावली लेकर गए। फिर रेप किया। मासूम के साथ पांच दिनों तक रेप होता रहा। 10 जनवरी की शाम को उदियापोल बस स्टेंड छोड़कर फरार हो गए। मासूम उदियापोल पुलिस चौकी भी पहुंची। इसके बाद में पुलिस ने लापता की धाराओं में केलवाडा पुलिस को सोंप दिया। 11 जनवरी को मासूम परिजनों के साथ केलवाडा पुलिस थाने पर पहुंची। पूरा घटनाक्रम सुनाया। इसके बाद राजसमंद पुलिस हरकत में आई।
7 आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार रेप के आरोप में एक रोडवेज कंडक्टर, ऑटो चालक व चार अन्य उदयपुर उदियापोल बस स्टेंड पर दुकानों के संचालक हैं। ऑटो चालक के अलावा सभी आरोपी एक दूसरे को जानते व पहचानते हैं। पुलिस गहनता से इसकी जांच कर रही है। एक आरोपी मालाराम केलवाडा का ही है। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कुल सात आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
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