राष्ट्रीय खबर डेस्क खबर 24×7 नई दिल्ली // सुप्रीम कोर्ट ने देश में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर चिंता जताई है। शीर्ष अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जबरन धर्मांतरण बहुत गंभीर मुद्दा है। यह राष्ट्र की सुरक्षा और धर्म की स्वतंत्रता को प्रभावित करता है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को धर्मांतरण रोकने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाने के निर्देश देते हुए इस मामले में रुख स्पष्ट करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि जबरन धर्मांतरण नहीं रोका गया तो बहुत कठिन हालात सामने आएंगे। .
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जबरन परिवर्तन गंभीर समस्या है और इससे देश की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब 22 नवंबर तक हलफनामा देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने 23 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जबरन और धोखा देकर धर्म परिवर्तन रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान लाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग की है।
केंद्र सरकार से मांगा हलफनामा
.सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि धर्म परिवर्तन नागरिकों की अंतरात्मा की स्वतंत्रता के साथ-साथ देश की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को 22 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे देश की जनता के ‘धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार’ प्रभावित होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को इस मामले में स्टैंड क्लियर करना चाहिए। इसलिए केंद्र सरकार हलफनामा देकर बताए कि वह कथित जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए क्या कदम उठा रहा है।
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