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A two-day national seminar is being organized in the university on the topic "The glorious past of tribal society" "जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत" विषय पर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हो रहा आयोजन
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“जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हो रहा आयोजन IKSVV
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़// जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत विषय पर इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में 11 एवं 12 नवंबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी के पहले दिन 11 नवंबर को विश्वविद्यालय के कुलपति सत्यनारायण राठौर के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वैभव सुरंगे अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख, वनवासी विकास समिति ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजीव शर्मा प्रान्त प्रचार-प्रसार प्रमुख रायपुर, प्रेम कुमार पटेल विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. योगेन्द्र चौबे कार्यक्रम के सयोजक व अधिष्ठाता लोकसंगीत एवं कला संकाय उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी व जनजातीय समाज के स्वतन्त्रता सेनानियों के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुवात की गई। इसके पश्चात कार्यक्रम के संयोजक डॉ. योगेन्द्र चौबे ने विश्वविद्यालय से संबंधित जानकारी वक्ताओं को प्रदान की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते कुलपति सत्यनारायण राठौर ने विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों सहित छात्रों को उक्त कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ के वीर स्वतंत्रता सेनानियों को जानने तथा उनके द्वारा किए गए वीरतापूर्वक कार्य से अवगत होने की बात कही।
 
राजीव शर्मा ने देश व प्रदेश में निवासरत जनजातीय समाज की जनसख्या से अवगत कराया। उन्होंने अनसंग स्वतंत्रता सेनानियों के लिये देशभर में आयोजित होने वाले उक्त कार्यकम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वैभव सुरंगे ने जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत के ऐतिहासिक, सामाजिक के साथ ही विशेषकर आध्यात्मिक क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान की। खासकर उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों के जनजातीय समाज के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा देश को स्वतंत्र कराने अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ लड़ी गई लड़ाईयों की जानकारी दी और सभी वक्ताओं को इन स्वतंत्रता सेनानियों से अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों का विरोध करने वाले प्रथम लोग जनजातीय समाज से ही थे। अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रेम कुमार पटेल ने उक्त संगोष्ठी में उपस्थित सभी दर्शकदीर्घा का आभार प्रदर्शन किया और दूसरे दिन 12 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत के बारे में जानकारी लेने की बात कही।
"जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत" विषय पर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हो रहा आयोजन

छत्तीसगढ़ के वीर स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित नाटक की हुई प्रस्तुति

वक्ताओं के उद्बोधन पश्चात विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज के वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित पहटिया नाटक की प्रस्तुति दी गई। यह नाटक छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानी गेंदसिंह, वीर नारायण सिंह, हनुमान सिंह एवं गुंडाधुर के जीवन पर केन्द्रीत रहा।
उक्त नाटक का लेख, परिकल्पना एवं निर्देशन डॉ. योगेन्द्र चौबे के द्वारा किया गया। उक्त नाटक के माध्यम से विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों सहित खासकर छात्रों को छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियों को जानने तथा उनके द्वारा किये गये गौरवपूर्ण कार्यों से अवगत होने का अवसर मिला।
A two-day national seminar is being organized in the university on the topic “The glorious past of tribal society”

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