छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 दुर्ग। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी की विशेष कोर्ट ने दुर्ग के तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी गणेश प्रसाद कुम्हारे को सात साल सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दुर्ग आदित्य जोशी के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है।
तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी दुर्ग के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में 9 अक्टूबर 2010 को एफआईआर दर्ज की गई। कोर्ट के समक्ष 22 जुलाई 2014 को संस्थित हुआ, जिसमें लगभग 12 साल के बाद न्यायालय का फैसला आया है।
ये है मामला..
तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी दुर्ग गणेश प्रसाद कुम्हारे द्वारा अपने और अपने परिवार वालों के नाम पर चल-अचल संपत्ति अर्जित किए जाने की गोपनीय सूचना एसीबी रायपुर को मिली थी। सूचना पर प्रकरण दर्ज कर 11 अक्टूबर 2020 को एसीबी ने विशेष न्यायालय रायपुर से तलाशी वारंट लिया। इसके बाद एसीबी की टीम ने आरोपी के विजय नगर स्थित नवनिर्मित मकान की तलाशी ली। तलाशी के दौरान एसीबी की टीम ने कैश, बैंक संबंधित दस्तावेज, बीमा पॉलिसी, अचल संपत्ति संबंधी दस्तावेजों को जब्त किया था।
जमकर बनाई थी संपत्ति..
गणेश प्रसाद कुम्हारे के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13, 1,ई सहपठित धारा 13, 2 के अंतर्गत आरोप था कि उसने सहायक खनिज अधिकारी दुर्ग के रूप में पदस्थ रहते हुए 1 जनवरी 2004 से 12 अक्टूबर 2010 के बीच आय से अधिक दो करोड़ 20 लाख रुपए मूल्य की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की थी।
जांच के दौरान माइनिंग अफसर के वेतन एवं भत्ते से प्राप्त आय लगभग 24 लाख रुपए होना था, लेकिन अफसर के पास 408 अधिक अनुपात ही संपत्ति प्रमाणित पाया गया।