छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // जिला प्रशासन खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के तत्वाधान मे एक दिवसीय निशुल्क कैरियर काउसलिंग प्रतियोगिता परीक्षाओं के मिशन का तैयारी रेल्वे भर्ती. बैंक कर्मी. शिक्षक भर्ती. पटवारी भर्ती एवं छत्तीशगढ़ व्यापम आदि हेतु मार्गदर्शन का कार्यक्रम आडिटोरियम हॉल कैम्पस-2 इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय परिसर मे किया गया. जिसमे एकलव्य आईएएस अकादमी भिलाई द्वारा कैरियर मार्गदर्शन को लेकर रखा गया..
जिसमे कलेक्टर डॉ. जगदीश कुमार सोनकर ने कहा कोशिश करे आप की जब भी समय मिले उस समय कैरियर गाइडलाइन्स किताब जरूर पड़े.पहले लक्ष्य निर्धारित करो हमें क्या करना है, क्या बनना है.उसके बाद आप पड़ना शुरू करे ‘कर्म करो और फल की चिंता मत करो’ ठीक उसी तरह स्टूडेंट को भी अपने करियर को लेकर हमेशा सजग रहना चाहिए और उसकी सही दिशा में तैयारी भी करनी चाहिए. इस बीच स्टूडेंट्स ने भी अपने सवाल खुलकर रखे.
इसे भी पढ़ें: एसबीआई एटीएम में सेंधमारी..व्यस्तम मार्ग..मुंह पर स्कार्फ..बड़े आकार का काला बैग..कैमरों को मोड़कर वायर काट मशीन को तोड़ने का प्रयास |
कलेक्टर सोनकर ने कहा कि स्टूडेंट या उनके पैरेंट्स ज़रूरत पढ़ने पर करियर काउंसलिंग प्रोफेशनल की भी मदद ले सकते हैं, क्योंकि ‘उगते हुए सूरज को सभी सलाम करते हैं’ और आपके बच्चे का करियर अभी उग रहा है, इसमें अभी-अभी कोपलें फूटीं हैं, इनको पानी और सूर्य की किरण दोनों दीजिये और फलने फूलने में मदद करिए. अपनी लाइफ में हर कोई सफल होना चाहता है लेकिन सभी को एक जैसी सफलता मिले ये जरूरी तो नही. जिंदगी में सफल होने का एक ही रास्ता है, सही समय पर सही करियर चुनना. लेकिन अक्सर देखा गया है कि छात्र इस बात को लेकर सबसे ज्यादा परेशान रहते है कि हम किस फील्ड का चुनाव करें और किसका नही! अगर कोई छात्र करियर को लेकर कंफ्यूज है तो वह अपनी लाइफ में कोई लक्ष्य ही नही बना पाएगा. लेकिन अगर छात्र एक अच्छे करियर काउंसलर की मदद लेता है तो वह अपने सभी कंफ्यूजन दूर करके सही लक्ष्य तय करता है. अगर एक छात्र को सही समय में सही दिशा मिल जाए तो वह अपने लक्ष्य की तरफ मजबूती से कदम रखता है. एक बार लक्ष्य तय हो जाने के बाद अब छात्र को उस पर काम करने की जरूरत होती है.
सयुंक्त कलेक्टर सुनील शर्मा:- कई बार छात्र अपने दोस्तों की वजह से या पैरेंट्स के दबाव में आकर करियर का चुनाव कर लेते है। फिर कुछ सालों के बाद उन्हें एहसास होता है कि गलत करियर में आ गए है तो वे फिर से अपने इंट्रेस्ट वाले करियर में आगे बढ़ने की कोशिश करते है। लेकिन तब तक काफी समय और पैसा उनके द्वारा बर्बाद कर दिया जाता है।अगर कोई छात्र करियर को लेकर कंफ्यूज है तो वह नकारात्मकता से घिरा रहता है। लेकिन अगर सही समय पर वह करियर काउंसलर की मदद लेता है तो उसे नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है और उसरी जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सकारात्मक उर्जा का होना बेहद जरूरी है। अगर आप चाहते है कि एक सही करियर का चुनाव करके आगे बढ़ें तो आपको करियर काउंसलर की मदद लेना चाहिए. एक करियर काउंसलर आपके भविष्य को उज्जवल बनाने में अहम भूमिका निभाता है.
इसे भी पढ़ें: बैंक का अधिकारी बन ऑनलाइन ठगी झारखंड राज्य गिरोह के दो शातिर अपराधी गिरफ्तार.. |
संयुक्त कलेक्टर टकेश्वर साहू :- नेगेटिव विचार मन मे जो आता है. इसलिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(१) के अंदर हमें बोलने की स्वतंत्रता दी गई है और इसे लागू भी किया गया है, यह हमारा मौलिक अधिकार है अतः हम इसे लेकर न्यायालय में भी का सकते हैं. बोलने का अधिकार इसीलिए होना चाहिए जिससे हम अपने विचारों को समाज को बता सके और जागृत कर सकें, लोगों तक अपनी बात पहुंचा सके।बोलने का अधिकार को समझो जहाँ भी जरुरत पड़े वहां पर अपने अधिकार के लिए बोले. और शिक्षा ऐसा है जो जितना पड़ेगा लोग अपने अधिकार के लड़ेगा आप अपने योग्यता के आधार पर ही लक्ष्य चुने जिससे आप इधर न भटके मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं होता, सफल लोगो को फॉलो करना चहिये.जो व्यक्ति खुद सफल नहीं हो पाता उसकी बातो मे आकर हम अपने आप से पीछे हट जाते है.
डीइओ के वी राव :- बच्चे कैरियर गाइडलेन्स मे धयान देंगे जिससे सफल होने मे बहुत ही आसानी होगा.
– : स्टूडेंट ने भी पूछे सवाल :- |
निधि देवांगन गडई कॉलेज: आई आई टी जेम करनी चाहती हु, केमेस्ट्री मे एडमिसन करना चाहती हु. मुझे क्या करनी चाहिये. |
मधु वर्मा : जितना मेहनत करोगे उतना ही सफलता मिलेगा इंसान को आखिरी दम तक हार नहीं मानना चाहिये जब तक जीत न हो. |
आलेख वर्मा :– cg psc का तैयारी करना है तो क्या करना चहिये. उपस्थित |
मधु : लक्ष्य को पाने के लिए टारगेट बनाते है उसके लिए क्या करना है.मेडिटेशन करते है काम पे तो ज्यादा है, हमेसा पॉजिटिव व्यक्ति के साथ समय बिताये जिससे हमारे अंदर पॉजिटिव विचार आ सकते और अपने लक्ष्य को पा सके.पिछड़ा हुए बच्चे को कैसे आगे ला सकते है. |