छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 कोरबा// इस साल सूर्य उपासना का महापर्व 17 नवंबर से शुरू होकर 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य देव को अर्घ देने के बाद संपन्न हो चुका है। चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ आज से शुरू हो गया है। नहाए खाए शुरू हुआ यह पर्व कठिन साधना के साथ सात्विक महत्व के लिए जाना जाता है. यह पूजा बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड के लोगों के लिए बेहद अहम होती है। व्रत में सबसे कठिन व्रत इस पर्व को कहा जाता है क्योंकि व्रत को करने वाले व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं। वहीं, पूरे घर में परिवार में पूजा के दौरान किसी भी तरह की अशुद्धि ना हो इसका विशेष ख्याल रखा जाता है।
निष्काम अनुष्ठान के अलावा छठ महापर्व किसी न किसी मनोकामना पूरी होने के लिए या पूरी होने पर की जाती है। कोई परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए करते हैं तो कोई परिवार में आए किसी विपदा को दूर करने की कामना के लिए। इस साल छठ पर्व विशेष फलदाई रहेगा।
बिहार, यूपी और झारखंड में रहने वाले लोगों को महापर्व छठ का बड़ी बेसब्री के साथ इतंजार रहता है। छठ ही वो मौका होता है जब अपने गांव-घर से दूर शहर में रहने वाले लोग अपने घर आते हैं। छठ में पूरा परिवार एकजुट होकर इस पर्व को मनाता है। ऐसे में छठ पूजा को लेकर लोगों में एक अलग ही भावना है। 3
यह व्रत काफी कठिन माना जाता है, इसलिए इसे महापर्व छठ कहते हैं। छठ व्रत में व्रती महिलाएं करीब 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं। छठ का व्रत संतान की लंबी आयु, परिवार की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। छठ में भगवान सूर्य देव और छठी मईया की पूजा की जाती है। छठ का व्रत महिलाओं के अलावा पुरुष भी रख सकते हैं।
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