छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़ // जिले के शुभारंभ अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित किये गये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का रंग नौ माह भी नहीं टिक पाया और प्रतिमा का रंग धुल गया, प्रतिमा की सुंदरता बनाये रखने कुछ दिन पहले ही प्रतिमा का रंग-रोगन किया गया है लेकिन गुणवत्ताहीन रंग-रोगन किये जाने से प्रतिमा की पपडिय़ां फिर निकलने लगी है. जानकारी अनुसार बीते 3 सितंबर को नये जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया गया था. बताया जा रहा है कि उक्त प्रतिमा को नेल्सन आर्ट स्टूडियो संस्था से मंगाया गया था जिसका रंग महज नौ माह भी नहीं चल पाया और रंग निकलने लगा.
इसके साथ ही प्रतिमा के नीचले हिस्से में शासन की मंशानुरूप मोर बापू लिखा गया था, वह भी देखरेख के अभाव और लापरवाही के चलते मोर बाप हो गया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया में प्रशासन की बहुत फजीहत हुई थी. इस फजीहत के बाद जिला प्रशासन ने राष्ट्रपिता की प्रतिमा में फिर से रंग-रोगन कराया है लेकिन भ्रष्टाचार का रंग देखिये कि दो दिन में ही नये रंग की पपडिय़ां निकलने लगी है वहीं बापू की प्रतिमा की सुंदरता बनाये रखने जब इसका रंग-रोगन किया गया तब प्रतिमा के निचले हिस्से में लिखे गये मोर बापू को प्रतिमा से हटा दिया गया है.
मंशा साफ है कि राष्ट्रपिता की प्रतिमा को लेकर प्रशासन कोई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहता और हर दिन बापू की प्रतिमा की निगरानी कौन करेगा पर विडम्बना देखिये प्रतिमा की सुंदरता बरकरार रखने पेंट तो किया गया है लेकिन गुणवत्ताहीन रंग का इस्तेमाल किये जाने से पुन: प्रतिमा का रंग निकलना शुरू हो गया है जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रतिमा स्थापना को लेकर लापरवाही का आलम क्या है. source: