लंबे समय बाद ऐसा फैसला: चार वर्षीय बालक की हत्या के दोषी को मिली फांसी की सजा
छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 रायपुर // राजधानी की एक अदालत ने चार वर्षीय बालक हर्ष चेतन की निर्मम हत्या के दोषी पंचराम गेंन्द्रे को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले को अदालत ने “दुर्लभ से दुर्लभतम” करार दिया। यह रायपुर में 46 वर्षों में सुनाई गई पहली फांसी की सजा है। Crime News
मामला 5 अप्रैल 2022 का है जहां जांजगीर-चांपा जिले के रहने वाले जयेंद्र चेतन की पत्नी पुष्पा चेतन ने उरला थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 4 से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसका पड़ोसी पंचराम उसके बेटों दिव्यांश (5) और हर्ष (4) को मोटरसाइकिल पर घुमाने ले गया था। जब पुष्पा ने विरोध किया तो दिव्यांश वापस आ गया, लेकिन हर्ष ने दोबारा सवारी पर जाने की जिद की। Crime News
इस दौरान, पंचराम ने अपने भयानक इरादे को अंजाम दिया। उसने पेट्रोल खरीदा और हर्ष को नेवनारा और अकोलीखार गांवों के बीच एक सुनसान जगह ले जाकर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। Crime News
लोकेशन ट्रैक कर दो दिन बाद पकड़ गया था अपराधी
पूछताछ में पंचराम ने खुलासा किया कि पुष्पा द्वारा उसे नजर अंदाज किए जाने पर वह नाराज था और उसने बदला लेने के लिए इस अपराध को अंजाम दिया। उसने हर्ष को मारने के बाद अपनी मोटरसाइकिल बेच दी और फरार होकर नागपुर चला गया। पुलिस ने उसकी मां के मोबाइल फोन का लोकेशन ट्रैक कर उसे दो दिन बाद गिरफ्तार किया। Crime News
अदालती ने कहा “दया दिखाना अपराधियों को करेगा प्रोत्साहित”
अदालत ने इस घटना को बेहद गंभीर मानते हुए कहा कि दोषी की निर्दयता और पश्चाताप न करने का रवैया न्यायालय को कठोर सजा सुनाने पर विवश करता है। अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाते हुए कहा कि “दया दिखाना अपराधियों को प्रोत्साहित करेगा और न्यायपालिका की भूमिका कमजोर करेगा।”
बालक हर्ष की हत्या से चेतन परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पीड़ित पिता जयेंद्र ने कहा, “आरोपी बच्चों के लिए चाचा जैसा व्यवहार करता था और अक्सर उन्हें मिठाई देता था। हमें उसकी नीयत का अंदाजा तक नहीं था।” इस घटना के बाद परिवार पर आर्थिक संकट भी गहराया और उन्हें अपने गांव लौटना पड़ा।
Crime News : पहले भी जेल जा चुका था पंचराम
पंचराम पहले भी एक स्कूल में आग लगाने के मामले में जेल जा चुका था। यह घटना उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाती है। इस फैसले को रायपुर के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। यह संदेश देता है कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
Such a decision after a long time: The accused of murdering a four year old boy got death sentence