नेशनल खबर डेस्क खबर 24×7 जयपुर // राजधानी में मरीज के पेट में कैंची छोड़ने का मामला सामने आया है। हालांकि यह कैंची परिजन को गुरुवार को मोक्षधाम में अस्थियां चुनने के दौरान मिली। मृतक के पुत्र ने डॉक्टरों पर पिता की सर्जरी के दौरान पेट में कैंची छोडऩे का आरोप लगाते हुए जवाहर सर्कल थाने में लिखित में शिकायत दी है।
मानसरोवर निवासी मृतक उपेंद्र शर्मा के पुत्र कमल ने बताया कि उन्होंने 29 मई को बाइपास सर्जरी के लिए पिता को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया था। यहां 30 मई को ऑपरेशन किया गया। इसके बाद डॉक्टकों ने बिना पूछे उनके पिता की दूसरी सर्जरी कर दी। 4 लाख जमा करवा लिए। 12 जून की रात करीब 8 बजे उनके पिता की मौत हो गई। अगले दिन अंतिम संस्कार कर दिया। गुरुवार को मोक्षधाम में अस्थियां लेने गए तो वहां कैंची मिली। जबकि अस्पताल प्रशासन ने परिजन के आरोपों को निराधार बताया है।
थानाधिकारी सुरेन्द्र सैनी का कहना है कि पीड़ित पक्ष की तरफ दी गई रिपोर्ट पर परिवाद दर्ज कर मामले की जांच के लिए एसएमएस अस्पताल रिपोर्ट दी है।
परिजन का आरोप झूठा
फोर्टिस अस्पताल जयपुर के क्षेत्रीय निदेशक नीरव बंसल का कहना है कि परिजन का आरोप झूठा और दुर्भावनापूर्ण है। अस्पताल के पास सर्जरी के बाद की समस्त जांच रिपोर्ट व एक्सरे हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि मरीज के शरीर के अंदर कोई सर्जिकल कैंची या अन्य कोई बाहरी वस्तु नहीं थी।
मंत्री ने गठित की कमेटी
चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा के निर्देश पर मामले की जांच के लिए विभाग ने निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ.रविप्रकाश माथुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति में अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन सुशील कुमार परमार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय बीएल मीणा को शामिल किया गया है। source: patrika