माँ लक्ष्मी जी को करें प्रसन्न इस आरती के साथ..
माता लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है, यह श्री हरि विष्णु की प्रिया है उनके चरणों में सदैव सेवारत रहती हैं। अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं भक्तों के घर सुख-संपत्ति, धन-वैभव आदि से परिपूर्ण करती हैं।जिस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है उस घर में दुख दरिद्रता नहीं होती। वहां के लोग स्वस्थ निरोगी तथा दीर्घायु होते हैं। भगवान विष्णु की प्रिय होने के कारण भक्त श्री विष्णु के भी अनुकंपा के पात्र होते हैं। प्रस्तुत लेख में आप मां लक्ष्मी की आरती पढ़ेंगे।
ॐ जय लक्ष्मी माता (Laxmi Ji Aarti Lyrics In Hindi)
इस मंत्र के साथ करें आरती..
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे । सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ |
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता (Laxmi Ji Aarti Lyrics In Hindi)
Make Maa Lakshmi happy with this Aarti.