छत्तीसगढ़ खबर डेस्क खबर 24×7 // दिवाली पर्व को लेकर हर्षोल्लास का माहौल है। कल 31 अक्टूबर को बड़ी संख्या में लोग मां महालक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर मंगल कामना करेंगे। हालांकि पर्व को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है। लिहाजा कई एक नंवबर को पर्व मनाने की तैयारी में है।
दिवाली पर्व को मनाने के लिए लोगों ने व्यापक तैयारियां की है। लोगों के बीच इस बात को लेकर भी भ्रम की स्थिति है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को। पंचाग एवं पंडितों के अनुसार कार्तिक मास के अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। दिवाली पूजा शाम के समय प्रदोष काल में होती है।

इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को 3.52 बजे होगी। इस तिथि का समापन एक नवंबर को 6.16 बजे होगा। भगवताचार्य सुनील शर्मा ने बताया की दीपावली निमित्त लक्ष्मी जी का पूजन 31 अक्टूबर को और गोवर्धन पूजा 02 नवम्बर को तथा भाई दूज 03 नवम्बर को मना जायेगा।
पर्व को लेकर उत्साह..
इधर दिवाली पर्व के लिए पूर्व से ही लोग पर्व संबंधी सामग्रियों की खरीदी कर ली है। दीवाली लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है। बाजार में मिट्टी के दीये से लेकर साज-सजावट की सामग्री, कपड़े, ज्वेलरी सहित अन्य सामानों की मांग बनी हुई थी। शहरी सहित ग्रामीण इलाकों में घर-घर में व्यापक साज-सजावट आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है।
घरों की साफ-सफाई से लेकर पकवान बनाने तक के कार्य लगभग पूर्ण कर लिए गए हैं। पर्व की खरीदी के लिए लोगों की बनी उपस्थिति से बाजार में चहल-पहल का दौर बना हुआ है। वहीं बाजार में रौनक है।
शहर सहित ग्रामीण इलाकों में गोवर्धन पूजा की जाएगी, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इस पर्व का उत्साह देखते ही बनता है। ग्रामीण एकत्र होकर एक साथ पर्व का आनंद उठाते हैं। गांव गांव में इस पर्व पर खुशियां बिखरी होती है। 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा को लेकर अंचल के ग्रामीण इलाकों में उत्साह का माहौल निर्मित है।
गांव में होगी गोवर्धन पूजा की धूम
धनतेरस पर्व के बाद इसे दिवाली पंच पर्व प्रारंभ हो चुका है। 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा, 3 नवंबर को भाई दूज पर्व मनाया जाएगा। कल 31 अक्टूबर को लोग हर्षोल्लास एवं श्रद्धा भक्ति के साथ मां महालक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर मंगल कामना करेंगे। इसके साथ ही बच्चे व युवा फटाके फोडकर पर्व का आनंद उठाएंगे। जिससे फटाकों की रंग-बिरंगी छंटा बिखरेगी। लोग नए कपड़े पहनकर पर्व का आनंद उठाएंगे। वहीं लोगों का मुंह मीठा कराकर एक दूसरे को बधाई देंगे।
छह दिन का होगा दीपोत्सव पर्व |
|
29 अक्टूबर | धनतेरस |
30 अक्टूबर | रूप चतुर्दशी, यम के निमित्त दीपदान |
31 अक्टूबर | दीपावली, रूप चतुर्दशी के निमित्त स्नान |
1 नवंबर को भी दीप जला कर जगमग की जाएगी.. | |
02 नवंबर | अन्नकूट, गोवर्धन पूजा |
03 नवंबर | भाईदूज का पर्व |
खबर 24×7 ने कुछ लोगों से चर्चा की तो कहा की हिन्द संप्रदाय के पर्वों पर असमंजस की स्थिति पर देश के प्रमुख शंकराचार्य आगे आना चाहिए। विद्वतजनों से चर्चा कर शास्त्रानुसार पर्व के लिए एक निर्णय की आवश्यकता है, ताकि लोगों को परेशानी न हो। Deepawali
इसे भी पढ़ें : दीपावली मे करें इस दिन लक्ष्मी जी का पूजन..ज्योतिष अनुसार यह तिथि है श्रेष्ठ..
Deepawali 2024: Diwali today.. Amavasya will start after noon, Deepotsav festival will be celebrated for two days
