राष्ट्रीय खबर डेस्क खबर 24×7 खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की प्रो. मांडवी सिंह भारतखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की कुलपति होंगी। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम द्वारा बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह को राज्यपाल के अनुमोदन के बाद लखनऊ स्थित भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया है।
प्रो. मांडवी सिंह नौ साल (2011-2020) तक इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में कुलपति के दो कार्यकाल भी पूर्ण कर चुकी हैं। पिछले दस महीने से वह भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में फेलो भी हैं।
प्रो. मांडवी सिंह ने कहा कि कथक के लखनऊ शैली की शिक्षा मुझे मिली है। लखनऊ मेरे लिए कथक की तीर्थ स्थली है। कथाकाचार्य पंडित लच्छू महाराज के गंडाबंद शिष्य पीडी आशीर्वादन से कथक शिक्षण ग्रहण करने वाली प्रो. सिंह पिछले 12 वर्षों से पंडित बिरजू महाराज के पुत्र जयकिशन महाराज के साथ कथक शिक्षा से जुड़ी हैं।
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बता दें कि भारत के साथ-साथ विदेश के कई विद्यार्थियों ने प्रो. सिंह के सानिध्य में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह विभिन्न भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों के अध्ययन बोर्ड शैक्षणिक निकायों की सदस्य भी हैं। प्रो. सिंह की भारतीय संस्कृति में कथक परंपरा का दूसरा संस्करण कथक परंपरा, कथक नृत्य परंपरा में गुरु लच्छू महाराज, कथक परंपरा और रायगढ़ दरबार किताबें भी प्रकाशित हैं।
इसके पहले संगीत पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित करने वाले इस विश्वविद्यालय को पहले भातखंडे संगीत संस्थान के तौर पर जाना जाता था। वर्ष 1926 में विष्णु नारायण भातखंडे द्वारा स्थापित इस संस्थान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने वर्ष 2000 में डीम्ड-विश्वविद्यालय घोषित किया था, जिसे इसी साल भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय अधिनियम के जरिए राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है।.